तेरा चेहरा जब बेनकाब हुआ
शर्मिंदा कितना माहताब हुआ ।
तुने पूछा था मुझसे जो सवाल
पूरा उसी में मेरा जबाब हुआ ।
यार मेरा ,पाकर मोहब्बत का पैगाम
खिल के देखो,हँसी गुलाब हुआ ।
कुछ भी कहो पर अधूरा था
मुझसे मिलके पूरा तेरा शबाब हुआ ।
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waah kya kahne..........har sher khoobsoorat
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