शायद फिर से ,मुझे सताना चाहते हैं  
सालों बाद, आज वे मिलना चाहते हैं  
देकर अपनी,उसी मोहब्बत का वास्ता ,
गुनाह फिर से, कोई कराना चाहते हैं . 
अब जो कि, वापस  आ ही नहीं सकता ,
वे वही , बिता  हुआ  ज़माना  चाहते  हैं .
 
मैंने जब  पूछा  तो,  हंसकर  बोले ,  
मोहब्बत में तुम्हे मिटाना चाहते हैं .
 
हर शाम यारों की मफिल का सबब,
कुछ पीना तो ,कुछ पिलाना चाहते हैं. 
  
जितने भी हैं, आज के सियासतदान ,
ये देश का खजाना,बस लुटाना चाहते हैं .   
 
