Showing posts with label हिंदी दिवस और मैं. Show all posts
Showing posts with label हिंदी दिवस और मैं. Show all posts

Sunday, 16 September 2012

मैं और हिंदी दिवस

मित्रों हिंदी दिवस मेरे लिए हमेशा ही यादगार और महत्वपूर्ण रहा है । कई यादें इसके साथ जुड़ी हुई हैं । इस बार हिंदी दिवस के अवसर पे भारतीय उच्च अध्ययन केंद्र शिमला ( IIAS) में असोसिएट प्रोग्राम के तहत एक महीने के लिए आया हुआ हूँ । यह मेरे लिए बड़े गर्व की बात है कि संस्थान के राजभाषा सचिव श्री मस्के जी ने मुझे 14 सितंबर हिंदी दिवस के दिन आयोजित समारोह का मुख्य वक्ता बनाया । पूरे एसिया में अपने तरह का यह अकेला संस्थान है जो अनुसंधान और उच्च अध्ययन में अपने कार्यों के लिए ऑक्सफोर्ड के समकक्ष माना जाता है ।
 मुझे अच्छी तरह याद है कि 13 सितंबर के दिन ही मैंने अग्रवाल महाविद्यालय में हिंदी व्याख्याता के लिए साक्षात्कार दिया था और 14 सितंबर अर्थात हिंदी दिवस के दिन से ही हिंदी प्राध्यापक के रूप में अग्रवाल महाविद्यालय मे मेरी नियुक्ति हुई थी ।
हिंदी दिवस हिंदी वालों के लिए हमेशा ही खास रहता है , लेकिन मेरे  लिए यह जीवन के अविस्मरणीय क्षणों में से एक रहा है । मैंने इस अवसर पे अपनी एक कविता भी संस्थान् के लोगों को सुनाई ।
          हिंदी दिवस  
       मनाने  का भाव  
       अपनी जड़ों को सीचने का भाव है .   
       राष्ट्र भाव से जुड़ने का भाव है .  
       भाव भाषा को अपनाने का भाव है .  
      हिंदी दिवस 
      एकता , अखंडता और समप्रभुता का भाव है .  
      उदारता , विनम्रता और सहजता का भाव है .  
      समर्पण,त्याग और विश्वास  का भाव है . 
      ज्ञान , प्रज्ञा और बोध का भाव है .  
     हिंदी दिवस
 अपनी समग्रता में 
     खुसरो ,जायसी का खुमार है . 
     तुलसी का लोकमंगल है  
     सूर का वात्सल्य और मीरा का प्यार है .   
     हिंदी दिवस 
     कबीर का सन्देश है  
     बिहारी का चमत्कार है  
     घनानंद की पीर है 
     पंत की प्रकृति सुषमा और महादेवी की आँखों का नीर है .  

    हिंदी दिवस 
   निराला की ओजस्विता  
   जयशंकर की ऐतिहासिकता   
   प्रेमचंद का यथार्थोन्मुख आदर्शवाद   
   दिनकर की विरासत और धूमिल का दर्द है .  

  हिंदी दिवस 
  विमर्शों का क्रांति स्थल है  
  वाद-विवाद और संवाद का अनुप्राण है  
  यह परंपराओं की खोज है  
  जड़ताओं से नहीं , जड़ों से जुड़ने का प्रश्न है . 
हिदी दिवस  
इस देश की उत्सव धर्मिता है  
संस्कारों की आकाश धर्मिता है 
अपनी संपूर्णता  में, 
यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता है .  

   

ऐसे संस्थान द्वारा मुख्य वक्ता बनाया जाना निश्चित तौर पे मेरे लिए एक भावुक क्षण रहा । यह दिन मैं हमेशा याद रखूँगा । 

sample research synopsis

 Here’s a basic sample research synopsis format you can adapt, typically used for academic purposes like thesis proposals or project submiss...