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Wednesday, 21 April 2010

याद तेरी ,5

याद तेरी ,
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राह को तकना ;
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याद तेरी ,
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अहसास का गहना ,
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याद तेरी ,
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अनुभूति अनोखी ;
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याद तेरी ,
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आखों में मोती ;
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याद तेरी /
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याद तेरी 4

याद तेरी ,
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महकती सांसें ;
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याद तेरी ,
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सिसकती रातें ;
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याद तेरी ,
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भोर का सपना ;
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याद तेरी ,
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खुदा को तकना ;
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याद तेरी /
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याद तेरी ,3

याद तेरी ,
भावों का कोहरा ;
याद तेरी ,
सुबह सुनहरा ;
याद तेरी ,
आखों की भाषा ;
याद तेरी ,
मन की आशा ;
याद तेरी /

  

Monday, 19 April 2010

याद तेरी , 1

याद तेरी ,
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बीता सपना ;
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याद तेरी ,
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कोई अपना ;
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याद तेरी ,
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महके गेंसुं ;
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याद तेरी ,
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बहते आंसूं ;
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याद तेरी /
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Friday, 16 April 2010

वो वाकयात /

स्कूल जाते हुए मेड़ों पे चुंटों का झुण्ड ,
पहली में था डर के रुक गए कदम ;
बड़े भाई जों ३ साल बड़ा था ने हाथ बढाया और मुस्कराया ,
मैंने हाथ पकड़ा और चुंटों को डांक स्कूल की तरफ कदम बढाया ;
आज उम्र के इस मोड़ पे वो मोड़ बहुत याद आया /
बड़ा याद आया भाई का वो बड़ा हुआ हाथ /
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५ में   था और मैदान पे क्रिकेट का खेल ;
टिका हुआ था पिच पे सूर्यास्त तक का था मेल ,
जिद लगी हुई थी आउट नहीं होना है ;
सारे साथी एक तरफ मै पिच पे डटा पिछले एक घंटे से था ;
बड़ा भाई १० साल बड़ा आया और हाथ में गेंद ले मुस्कराया ;
अगली २ गेंदों की तेजी से मै बीट हुआ मै डर और गुस्से से तिलमिलाया ;
भाई नजदीक आया और मुस्कराया ,
ना डरो खुद पे विश्वास करो ;जितने की जिद धरो ;
मै डटा रहा बिना आउट हुए ;
बड़ा भाई ने मुस्करा के पीठ थपथपाया ,
जिंदगी के इस मोड़ पे बड़ा याद आया भाई का वो विश्वास / 
बड़ा याद आया मेरी पीठ पे वो हाथ /
  

 

डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित

 डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित  दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...