ONLINE HINDI JOURNAL
Showing posts with label
मेरी आँखें
.
Show all posts
Showing posts with label
मेरी आँखें
.
Show all posts
Sunday, 24 November 2013
मेरी आँखें
मैंने
कइयों
से
यह
सुना
है
कि
मेरी
आँखें
बहुत
बोलती
हैं
सुबकुछ
बोलती
हैं
शायद
इसीलिए
तुम
हमेशा
कहती
थी
तुम्हारी
आँखें
इजहार
करना
जानती
हैं
तुम
कुछ
मत
बोला
करो
।
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
राज कपूर शताब्दी वर्ष में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद संपन्न
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक :
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...