तुम्हारी यादों के साथ,
तुम्हारी ही बातों के पास ,
जलता-सुलगता बहुत कुछ है .
शायद मन में, मन रही दीपावली है.
शायद मन में, मन रही दीपावली है.
तेरी आँखों में जलते सपनो ,
और मेरे दिल की उलझनों के बीच
बिखरता, टूटता,कसमसाता आज भी कुछ है .
शायद मन में, मन रही दीपावली है .