मुफलिसी ने जीना सिखा दिया
अपनो की भीड़ में अपना बता दिया /
नजर फेर बगल से निकल गया
यार था मेरा मेरी कीमत बता गया
घर में बहस थी चल रही कमरे में बैठा सुन रहा
न पूंछ कुछ मुझे मेरी अहमियत बता दिया
काम कोई होता सबको मेरी याद आती
काम होने पे कामचोर की तोहमत लगा दिया
मुफलिसी ने जीना सिखा दिया
अपनो की भीड़ में अपना बता दिया /
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Wednesday, 3 November 2010
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