यादों की महफ़िल है काम का है दौर ,
जीवन की प्रक्रिया का बदलना है ठौर ;
नए लोंगों से मुलाकाते हैं
कुछ पुरानी कुछ नयी बातें हैं
कुछ लम्हे गुनगुनाते हैं
कुछ पल मुस्कुराते हैं
नयी सुबहे औ नया सबेरा है
नया शहर नया बसेरा है /
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Tuesday, 7 December 2010
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