आज जब वैलेंटाईनडे है,
यार बस तुम ही याद आयी हो ।
इतने सालों बाद भी,
राख़ के नीचे दबे अंगार सी ,
तुम ही, बस तुम ही याद आयी हो ।
टूटे सपनों और रिश्तों के बावजूद ,
हर साँस के साथ छूटी आस के बावजूद ,
किसी और का होने, हो जाने के बावजूद,
सालों बिना किसी मुलाक़ात के बावजूद ,
अब मोबाइल में तुम्हारा नमबर न होने के बावजूद,
आज जब वैलेंटाईनडे है,
यार बस तुम ही याद आयी हो ।
ऐसा इसलिए क्योंकि ,
वो जो हमारे बीच का विश्वास था
वो आज भी कायम है और
हमेशा रहेगा ।
इसलिए जब भी वैलेंटाईनडे आयेगा,
शुभे, बस तुम ही याद आओगी ।
यार बस तुम ही याद आयी हो ।
इतने सालों बाद भी,
राख़ के नीचे दबे अंगार सी ,
तुम ही, बस तुम ही याद आयी हो ।
टूटे सपनों और रिश्तों के बावजूद ,
हर साँस के साथ छूटी आस के बावजूद ,
किसी और का होने, हो जाने के बावजूद,
सालों बिना किसी मुलाक़ात के बावजूद ,
अब मोबाइल में तुम्हारा नमबर न होने के बावजूद,
आज जब वैलेंटाईनडे है,
यार बस तुम ही याद आयी हो ।
ऐसा इसलिए क्योंकि ,
वो जो हमारे बीच का विश्वास था
वो आज भी कायम है और
हमेशा रहेगा ।
इसलिए जब भी वैलेंटाईनडे आयेगा,
शुभे, बस तुम ही याद आओगी ।