तुम्हें भूलना
आस्था और विश्वास से
उखड़ने जैसा है ।
सपनों और उम्मीद से
नाता तोड़ने जैसा है ।
खुद को असीम विस्तार से
रोकने जैसा है ।
खुश रहने की आदत से
रूठने जैसा है ।
आस्था और विश्वास से
उखड़ने जैसा है ।
सपनों और उम्मीद से
नाता तोड़ने जैसा है ।
खुद को असीम विस्तार से
रोकने जैसा है ।
खुश रहने की आदत से
रूठने जैसा है ।