Showing posts with label सुने से खाली रास्तों पे. Show all posts
Showing posts with label सुने से खाली रास्तों पे. Show all posts

Saturday, 30 January 2010

सुने से खाली रास्तों पे

 मेरी यादों से जब भी मिली होगी 
वो अंदर  ही  अंदर  खिली  होगी . 

 सब  के  सवालों  के  बीच  में ,
 वह  बनी  एक  पहेली  होगी . 

 यंहा   में   हूँ तनहा-तनहा ,
 वंहा छत पे वो भी अकेली होगी . 

सूने  से  खाली  रास्तों  पे ,
वह  अकेले ही मीलों  चली होगी . 

यूँ   बाहर   से  खामोश है  मगर,
उसके अंदर एक चंचल तितली होगी . 

जो  जला डी गयी  बड़ी बेरहमी  से,
वो बेटी भी नाजों  से पली होगी .     

डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित

 डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित  दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...