Sunday, 12 April 2009

आप जो मेरे घर मेहमान हैं ------------------------

मेरे घरआज आप बने मेहमान हैं

खुशकिस्मत कितना ये मेजबान है ।





तुम्हारे घर उर्दू,मेरे घर में हिन्दी,

फ़िर भी मोहब्बत का अरमान है ।





मुहमांगी कीमत चुकाने के बाद,

लड़की का बाप करता कन्यादान है ।



हर ग़लत बात पे आवाज उठाओ ,

कदम हर कदम तुम्हारा ही नुक्सान है । ।

3 comments:

  1. आपके, मेरे ब्लॉग से जुड़ने पर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हुई. में आपका आभारी हूँ. मुझे आशा है की आप जब भी मेरे ब्लॉग पर आयेंगे, प्रसन्न होने का कोई न कोई कारण ज़रूर पाएंगे.

    ReplyDelete
  2. तुम्हारे घर उर्दू,मेरे घर में हिन्दी,

    फ़िर भी मोहब्बत का अरमान है ।
    अच्छी पंक्तिया... और बढ़िया रचना..... बहुत दिनों बाद आपको पढ़ रहा हूँ, इतनी अच्छी रचना पढ़ी मजा आ गया...

    ReplyDelete
  3. आपको और आपके पुरे परिवार को वैशाखी की हार्दिक शुभ कामना !

    ReplyDelete

Share Your Views on this..

What should be included in traning programs of Abroad Hindi Teachers

  Cultural sensitivity and intercultural communication Syllabus design (Beginner, Intermediate, Advanced) Integrating grammar, vocabulary, a...