शमा उदात्त है
भावों में काम व्याप्त है
तनहाई बिन तेरे
तरसी हर बात है
शमा उदात्त है
भवरे चहके
पराग हैं बहके
नाचे मोर
अभिलाषाएं दहके
पर्वत प्यासा
प्यासी नीर
हवा प्रेमातुर
उमंगें अधीर
गहरी सांसे
कामी सपने
चंचल मन
मचला बदन
तीव्र पिपाशा
तन भी प्यासा
रोक रहा मै
क्या क्या जिज्ञासा
शमा उदात्त है
भावों में काम व्याप्त है
तनहाई बिन तेरे
तरसी हर बात है
Showing posts with label pyas. Show all posts
Showing posts with label pyas. Show all posts
Sunday, 5 September 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...