दिल कितना मचलता है ,
कोई तारा जब टूटता है ।
वो यकीनन् अजनबी है पर ,
अपनों से भी करीब लगता है ।
जिंदगी बेरंग लगती है तब,
जब हाथो से हाथ छूटता है ।
मैं मना लूँगा,वो जानता है
इसीलिये तो रूठता है ।
मैं उसकी हर बात मानता हूँ ,
वो है की झूठ पे झूठ बोलता है ।
this is amazingn gajal
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