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Saturday, 27 May 2023

मैंने बस उसी यार की सदा मांगी है

 मैंने बस उसी यार की सदा मांगी है 

जिस ने मेरे मरने की दुआ मांगी है।


मैं सच बोलता रहा बड़ी गलती हुई 

अपनी गलती के लिए सज़ा मांगी है।


होली दिवाली और ईद हो साथ साथ

मुल्क के वास्ते ऐसी ही फिज़ा मांगी है।


दंगे फसाद और दहशतगर्दी बहुत हुई

मैंने इनकी इस मुल्क से रजा मांगी है।


राहे इश्क में उम्मीद बड़ी चीज़ होती है

हमने भी एक बेवफ़ा से वफ़ा मांगी है।



डॉ मनीष कुमार मिश्रा

सहायक प्राध्यापक

हिंदी विभाग

के एम अग्रवाल महाविद्यालय

कल्याण पश्चिम

महाराष्ट्र ।

तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥

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