Sunday, 26 April 2009

उनसे ही मासूम उनके बहाने है ----------------------------------

उनसे ही मासूम उनके बहाने हैं ।
क्या करे उन्ही के दीवाने हैं ।

जो मिले वही रास्ता बताये ,
हम सचमुच कितने अनजाने हैं ।

एक साथ एक घर मे रहनेवाले भी,
एक-दूसरे से कितने बेगाने हैं ।

जंहा मिला रास्ता वंही चल पडे,
पहले से तय नही हमारे ठिकाने हैं ।

ये बाजारवाद का नया युग है,
यंहा रिश्ते सिर्फ़ भुनाने हैं ।

1 comment:

  1. जंहा मिला रास्ता वंही चल पडे,
    पहले से तय नही हमारे ठिकाने हैं ।
    sundar...

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