आजा मेरे साथ तू चल
हांथो मे दे हाँथ तू चल
ह्रदय पे अपने बने हुए
तोड़ के सारे बाँध तू चल
अपनी बोली प्यार की बोली
खाकर यही सौंध तू चल
नई बानगी नई उम्र की
लेकर नई पौध तू चल
अधकचरी सारी बातों को
पैरो के नीचे रोंध तू चल
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