तुमसे हर मुलाक़ात के साथ
फिर न मिल पाने का डर जुड़ा रहता है.
तेरी बांहों में सिमटने के साथ,
तेरे बाद बिखरने का डर लगा रहता है.
तेरी मोहब्बत में सब कुछ लुटाने के साथ,
खुद के कुछ होने न होने का डर लगा रहता है.
बर्फ सी जम गयी इच्छाओं को,
तेरे प्यार की रौशनी में पिघलाने से डर लगता है.
लेकिन
मन बहुत करता है कि-
अपनी जिन्दगी अपने तरीके से जी लूं
दुनिया कि सारी रस्मों -कसमों से दूर
सफेद घोड़े पे चले आ रहे अपने प्यार को ,
वो सब दूं जो सिर्फ मेरा है और जो ,
मैं सिर्फ उसे ही देना चाहती हूँ /थी .
इतना सब कुछ सोचते हुवे भी ,
यह सोच कर सहम जाती हूँ कि ,
- सारी दुनिया के धोखे सह सकती हूँ लेकिन ,
तुम ने भी अगर धोखा दिया तो -----
इस ख़याल से भी डर लगता है .
तेरा होने के साथ-साथ ,
तेरे साथ न होने का भी डर लगता है.