Showing posts with label वो दूसरों के मामलात में चुप्पी साध लेते हैं // ग़ज़ल//डॉ मनीष कुमार मिश्रा. Show all posts
Showing posts with label वो दूसरों के मामलात में चुप्पी साध लेते हैं // ग़ज़ल//डॉ मनीष कुमार मिश्रा. Show all posts

Friday 19 May 2023

वो दूसरों के मामलात में चुप्पी साध लेते हैं

 वो दूसरों के मामलात में चुप्पी साध लेते हैं 

जो पहले अपने ही गिरेबान में झांक लेते हैं।


आग से खेलने का अंजाम बखूबी जानते हैं

सुरक्षित अंतर के साथ हम आंच सेंक लेते हैं।


ऐसे दिलबर जो सिक्कों पर दिल फेंक देते हैं

हम बड़े ही सलीके से उनसे मुंह मोड़ लेते हैं।


अब तो चेहरा दिल का सब हाल बता देता है

एक नज़र में ही हम उनका इरादा भांप लेते हैं।


मौसम की तब्दीलियां इशारा तो दे ही देती हैं

जो समझते हैं इन्हें वो बदलाव को आंक लेते हैं।


डॉ मनीष कुमार मिश्रा
कल्याण पश्चिम, महाराष्ट्र