नीरधि अधर अधिर हैं तेरे
अब बरसे की तब बरसे
नीरव नीरस जीवन मेरा
कर दो मेरा उद्धार प्रिये ।
प्यास मिटेगी जब मेरी
तुझको भी होगा आनंद
एक -दूजे के पूरक हैं हम,
एक-दूजे से पूर्ण प्रिये ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...
bahut sundar
ReplyDelete