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Saturday 10 January 2009

शर्म क्यों आती नही ?

सारा देश युद्ध की दहलीज पे खड़ा है ,ऐसे मे पहले से ही मोटी तनख्वा लेने वाले तेल कंपनियों के कर्मचरियों की हड़ताल देश द्रोह से कम नही है । आप को क्या लगता है ? मेरा बस चले तो इन सभी पे देश द्रोह का आरोप लगा सलाखों के पीछे डाल दूँ । लोकतान्त्रिक अधिकारों का इस तरह दुरुपयोग करने से इसकी बुनियाद हिल जायेगी । आप की क्या राय है ?

उज़्बेकी कोक समसा / समोसा

 यह है कोक समसा/ समोसा। इसमें हरी सब्जी भरी होती है और इसे तंदूर में सेकते हैं। मसाला और मिर्च बिलकुल नहीं होता, इसलिए मैंने शेंगदाने और मिर...