Showing posts with label आवारापन. Show all posts
Showing posts with label आवारापन. Show all posts

Sunday, 25 December 2011

आवारापन



सलीका सिखाने लगा जमाना मुझको
जब हर एक लगता है बेगाना मुझको ।


उसके बाद तो , मौत ही आने देते
क्यों चाहते हैं लोग, जिलाना मुझको ।


वही एक है जिसे भूल नहीं सकता मैं
जिसने छोड़ा नहीं है, सताना मुझको ।


वो कब के बसा चुके है दुनिया अपनी,
यहाँ खोजे नहीं मिलता, ठिकाना मुझको ।

कभी सागर पी गया था उसके ओठों से ,
अब तो मयस्सर नहीं, कोई पैमाना मुझको ।

तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥

ChatGPT said: "तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥" —  ईशावास्योपनिषद् , मन्त्र 1 का अंतिम खण्ड मूल श्लोक: Copy code ईश...