अमरकांत क़ी नवीनतम कहानियाँ
'जाँच और बच्चे` अमरकांत का नवीनत कहानी संग्रह। इसका प्रथम संस्करण 2005 में अमर कृतित्व प्रकाशन की तरफ से प्रकाशित हुआ। 93 पृष्ठों की इस पुस्तक में कुल 11 कहानियाँ संग्रहित की गयी हैं। इन्हीं में से कुछ कहानियों की हम संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करेंगे
एक निर्णायक पत्र :
'एक निर्णायक पत्र` कुमार विनय नाम आदर्शवादी मास्टर के प्रेम भावनाओं के आस-पास बुनी हुई कहानी है। व्यवस्था के भ्रष्टाचार को चुनौती देने के लिए नौकरी न करते हुए स्वावलम्बन का मार्ग अपनाना और अनिश्चित एवम् अव्यवस्थित जीवन के कारण नारी से दूर रहना; यही उसका दृढ़ निश्चय था।
लेकिन 'नीति` को ट्याूशन पढ़ाते हुए और बाद में उसके प्री-मेडिकल परीक्षा में सफल हो जाने के बाद विनय का नारी से दूर रहने का दृढ़ निश्चय टूट गया। 'नीति` भी उनके प्रेम को स्वीकार कर लेती है। पर जल्द ही वह पढ़ाई करने लखनऊ चली जाती है और कतिपय कारणों से विनय को पत्र लिखना भूल जाती है।
उसके इस व्यवहार से विनय के मन में कई प्रश्न उठते हैं। उसे लगता है कि नीति उसके उपकार को भूल गयी। वह उसके प्रेम को भी भुलाकर शहर में मजे कर रही है। अंतत: परेशान होकर विनय लखनऊ आता है और एक होटल में रूककर 'नीति` से मिलने का प्रयत्न करता है।
नीति से मिलने पर वह उसे अपने साथ होटल लाता है। बातों ही बातों में वह नीति को फटकारते हुए उसे चोट पहुँचाने वाली कई बातें कहता है। वह उसकी इज्जत-आबरू चौपट करने के इरादे से उसे पूरी तरह निर्वस्त्र कर देता है। नीति रोती जाती है और अपनी इज्जत-आबरू, प्राण सब कुछ सहर्ष गुरू-दक्षिणा के रूप में विनय को देने की बात करती है। इससे विनय शर्मिन्दा होता है। उसे लेकर वह कॉलेज जाता है। इससे नीति को जो हुआ वह सब भूलने और बाद में पत्र लिखने का वादा करके वहाँ से लौट आता है।
कई दिनों के इंतजार के बाद नीति को विनय का एक पत्र मिलता है। उस पत्र में नीति की तारीफ के साथ उसके शरीर की भी तारीफ लिखी थी। वह पत्र पढ़कर नीति चुपचाप खड़ी हो जाती है। पत्र उसके हाँथों से छूटकर रद्दी की टोकरी में जा गिरा।
अमरकांत की यह कहानी यहीं पर खत्म हो जाती है। पर पाठक के मन में यह सवाल बना रह जाता है कि उस पत्र के आधार पर नीति क्या निर्णय ले?
हार :-
'हार` कहानी आदर्श और व्यवहार के बीच फँसे वकील बृहबिहारी बाबू की कहानी है। अंकिता उनकी पाँचवी लड़की है, जिसकी शादी की चिंता अब हमेशा उन्हें सताती रहती है। यही सब कारण है कि वे हमेशा चिढे-चिढे रहते। हर किसी से छोटी सी बात पर बहस करने के लिए तैयार हो जाते।
बार रूम में सरकारी वकील निर्मल बाबू से अक्सर ही उनकी गरम-गरम बहस होती रहती। वे प्राय: हर मुद्दे की बहस में निर्मल बाबू को परास्तर कर देते। एक दिन ऐसे ही बहस के दौरान दहेज की बात को लेकर दोनों में बहस होने लगी। निर्मल बाबू ने कहा कि इस प्रथा का कड़ाई से उन्मूलन करना चाहिए। इस पर बृजबिहारी बाबू ने उनकी बातों को पाखण्ड भरा बतोते हुए कहा कि यही निर्मल बाबू अपने लड़के की शादी में चुपके से लाखों रूपये रहेज लेंगे।
इस पर निर्मल बाबू ने अपने लड़के और बृजबिहारी बाबू की बेटी अंकिता की शादी बिना लेन-देन के करना कबूल कर लेते हैं। शादी के दिन बृजबिहारी बाबू अपनी खुशी से लड़की वालों का फर्ज निभाते हुए कुछ मिठाई और खाने-पीने का इंतजाम करते हैं। पर निर्मल बाबू यह भी नहीं चाहते थे। निर्मल बाबू के इस व्यवहार को देखकर बृजबिहारी बाबू की आँखे डबडबा जाती हैं। वे हमेशा बहस में निर्मल बाबू को हरा देते थे, पर आज वे निर्मल बाबू के व्यवहार के आगे हार जाते हैं। पर इस हार में जीत से अधिक खुशी थी।
जॉच और बच्चे :-
'जाँच और बच्चे` इस संग्रह की अंतिम कहानी है। इस कहानी के केन्द्र चनरी के पति के मृत्यु की जाँच पड़ताल है। जाननी भी सिर्फ इतना है कि मौत बिमारी से हुई या भूख से?
जाँच अधिकारी पूरे दल-बल के साथ चनरी के घर पहुँचते हैं। चनरी उन्हें बताती है कि सूखे के दिनों मेंं उन्हें कोई काम नहीं देता। वे माँग कर अपना गुजारा कर रहे थे। लेकिन इधर कोई उन्हें कुछ नहीं देता था। इस कारण चनरी का पति एक बाटी का टुकड़ा पेट पर पानी पीकर लेटा हुआ था। रात भर उसे पेट मे दर्द रहा और उल्टी भी हुई। गाँव के डॉक्टर को देने के लिए फीस के 20 रूपये भी नहीं थे चनरी के पास। और इस तरह उसके आदमी की मौत हो गई।
अब उसके लिए यह बताना बड़ा मुश्किल था कि मौर भूख से हुई या बिमारी से? जाँच अधिकारी भी अपना काम खत्म कर जाने को हुए। उन्होंने गाँव के कुछ बच्चों को बातें करते हुए सुना। उन्होंने क्या बातें की इसका जिक्र कहानी में नहीं है। पर जाँच अधिकारी घर आकर पत्नी को अपने मोटे होने की बात बताते हुए कम खाना परोसने के लिए कहते हैं।
अमरकांत की कहानियों के संदर्भ में डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी जी ने लिखा है कि, ''अमरकांत की कहानियाँ द्वन्द्वात्मक दृष्टि से परस्पर विरोधी स्थितियों का समहार कर पाने की शक्ति से रचित हैं। इसी अर्थ में वे 'कफन` की परम्परा में हैं। यह दृष्टि और शक्ति अमरकांत की अधिकांश कहानियों में सुलभ हैं।``11 डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी जी की उपर्युक्त बात एकदम सही है। अमरकांत की कहानियों का अध्ययन करके इसे आसानी से समझा भी जा सकता है।
अमरकांत मोह भंग की स्थिति के रचनाकार हैं। आजादी के बाद इस देश की प्रधान स्थिति मोहभंग की ही रही है। देश की इस मोहभंग स्थिति की सबसे बड़ी विडम्बना यही थी कि यह दिखती कुछ और थी, और होती कुछ और। जो दिखायी पड़ता वह पहचानने में अलग दिखायी पड़ता। तर्कहीनता की सारी स्थितियों समाज के उपस्थित थी। इन परिस्थितियों मंे अपनी रचनाओं के माध्यम से पात्रों को नैतिक बोध के बिन्दु पर ले जाना रचनाकार की जिम्मेदारी भी है और बहुत बड़ी शक्ति थी।
अमरकांत अपनी इस जिम्मेदारी से अवगत थे। यही कारण है कि उनकी कहानियाँ हमारे चर्चा के केन्द्र में रहीं। इसमें कोई आशंका नहीं रह जाती कि अमरकांत आम आदमी की प्रतिबद्धता से जुड़े हुए बेजोड़ रचनाकार हैं।
Showing posts with label अमरकांत क़ी नवीनतम कहानियाँ. Show all posts
Showing posts with label अमरकांत क़ी नवीनतम कहानियाँ. Show all posts
Tuesday, 27 April 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)
sample research synopsis
Here’s a basic sample research synopsis format you can adapt, typically used for academic purposes like thesis proposals or project submiss...
-
***औरत का नंगा जिस्म ********************* शायद ही कोई इस दुनिया में हो , जिसे औरत का जिस्म आकर्षित न करता हो . अगर सारे आवरण हटा क...
-
जी हाँ ! मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष , जिसके विषय में पद््मपुराण यह कहता है कि - जो मनुष्य सड़क के किनारे तथा...
-
Factbook on Global Sexual Exploitation India Trafficking As of February 1998, there were 200 Bangladeshi children and women a...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...
-
अनेकता मे एकता : भारत के विशेष सन्दर्भ मे हमारा भारत देश धर्म और दर्शन के देश के रूप मे जाना जाता है । यहाँ अनेको धर...
-
अर्गला मासिक पत्रिका Aha Zindagi, Hindi Masik Patrika अहा जिंदगी , मासिक संपादकीय कार्यालय ( Editorial Add.): 210, झेलम हॉस्टल , जवा...
-
Statement showing the Orientation Programme, Refresher Courses and Short Term Courses allotted by the UGC for the year 2011-2012 1...
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...