वो आ जाये तो बेचैनी चली जाये तो बेचैनी
हालत पे अपने ,
होती है हैरानी .
वो चाँद सी सुंदर ,
हिरनी सी है चंचल.
एक रोज उसको तो,
मेरी ही है होनी .
वो फूल सी कोमल ,
गंगा सी है निर्मल .
आएगी वो एक रोज देखो,
बन मेरी सजनी .
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Tuesday, 23 February 2010
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