सौन्दर्य की सही परिभाषा हो तुम
प्यार भरे मन की अभिलाषा हो तुम ।
कर देती है जो अंदर ही अंदर बेचैन
मन की वही जिज्ञासा हो तुम ।
जिन बातो को सबसे छुपाये रखा
unhee bato ka khulasha ho tum .
jindagi mai ki chilchilaati dhoop
jismay disember ka kuhaasa ho tum .
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सामवेदी ईसाई ब्राह्मण: एक सामाजिक और भाषिक अध्ययन"
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला (IIAS) की UGC CARE LISTED पत्रिका "हिमांजलि" के जनवरी जून अंक 29, 2024 में मेरे और डॉ मनीषा पा...
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..