Showing posts with label ताज होटल पे कविता. Show all posts
Showing posts with label ताज होटल पे कविता. Show all posts

Friday, 26 December 2008

मैं मुंबई का ताज हूँ/ 26/11


मैं मुंबई का ताज हूँ
स्वाभिमान के नाम
मै कामयाबी का ताज हूँ
अभिमान से दूर
विनम्रता का प्रतीक हूँ
क्या देश क्या विदेश
sabhi के लिये एक केन्द्र हूँ
खड़ा सागर किनारे मै
प्रतीछा मे लींन हूँ ।
वैभव का सागर मैं
आदर्श,प्रादर्श,प्रतिदर्श हूँ
मै करोडो की चाहत का
एक गुमान हूँ ।
संस्कृति के हांथो सम्मानित
मैं यादो मे संरक्षित हूँ ।
मधु सपनो का साथी मैं
कई बार तो मंजिल हूँ ।
आतंकवाद के चेहरे पर
जड़ा हुआ तमाचा हूँ ।
भारत के वीरो की
मैं GAURAV गाथा हूँ ।
बुराई पे अछाई की जीत का
अब मैं प्रतीक हूँ
शहीदों के रक्त से तिलकित
मैं भारत का उन्नत भाल हूँ ।
मुझे गर्व है की
मैं मुंबई का ताज हूँ ।

आज ठीक एक महीने बाद मुंबई अपनी पटरी पर लौट चुका हैं । भारत की खामोशी से पाकिस्तान डरा हुआ हैं । युद्ध की उसकी चाहत usay क्या देगी , यह तो भगवन ही जाने ।
हम भारत वासी जिंदगी को जिन्दादिली से जीना जानते हैं । आज यह बात मुंबई वासियों नै दिखा दिया है ।
मुंबई के इस जज्बे को मेरा सलाम ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;

जय हिंद जय महाराष्ट्र ।


के.एम.अग्रवाल महाविद्यालय, कल्याण(पश्चिम) - हिंदी विभाग : विश्वा अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के जनवरी 2025

के.एम.अग्रवाल महाविद्यालय, कल्याण(पश्चिम) - हिंदी विभाग : विश्वा अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के जनवरी 2025 :  विश्वा अंतरराष्ट्रीय पत्र...