डॉ.बच्चन सिंह हिंदी के उन समीक्षकों में रहे जिन्हें उतनी सफलता साहित्य कि दुनिया में नहीं मिली ,जितनी मिलनी चाहिए थी. आज बच्चन सिंह जी हमारे बीच नहीं रहे,लेकिन उनका काम हमारे सामने है.आश्चर्य होता है कि उनसे कही कम मेहनतवाले लोग साहित्य जगत में जिस तरह जाने -पहचाने जा रहे हैं,वो सब बड़ा अजीब है. निश्चित ही बच्चन सिंह जी साहित्यिक षड्यंत्रों और गुटबाजी का शिकार हुवे हैं.
मै यंहा डॉ.बच्चन सिंह कि पुस्तकों क़ी सूची दे रहा हूँ,जिसका फायदा शोध छात्र उठा सकेंगें .साथ ही साथ आप उनकी समग्र रचना धर्मिता से परिचित भी हो सकेंगे .
डॉ.बच्चन सिंह का साहित्य ;
- हिंदी पत्रकारिता के नए प्रतिमान
- रीति कालीन कवियों क़ी प्रेम व्यंजना
- उपन्यास का काव्य शास्त्र
- साहित्य का समाज शास्त्र
- आचार्य शुक्ल का इतिहास पढ़ते हुवे
- आधुनिक हिंदी आलोचना के बीजशब्द
- हिंदी साहित्य का दूसरा इतिहास
- क्रन्तिकारी कवि निराला
- बिहारी का नया मूल्यांकन
- कविता का शुक्ल पक्ष
- पांचाली (उपन्यास )
- सूतो वा सूतपुत्रो वा (उपन्यास )
- हिंदी नाटक
- निराला का काव्य
- साहित्यिक निबंध:आधुनिक दृष्टि कोण
- आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास
- निराला काव्य शब्दकोष
- समकालीन हिंदी साहित्य :आलोचना क़ी चुनौती
- आलोचक और आलोचना
- कथाकार जैनेन्द्र
- कई चेहरों के बाद (कहानी संग्रह )
- लहरें और कगार (उपन्यास )
- भारतीय और पाश्चात्य काव्य शास्त्र का तुलनात्मक अध्ययन
- महाभारत क़ी कथा (अनुवाद -बुद्ध देव बसू क़ी किताब का )
- नागरी प्रचारणी पत्रिका का संपादन
इतना बड़ा लेखन और समीक्षा का काम करने के बाद भी, डॉ.बच्चन सिंह इस तरह उपेक्षित क्यों हैं ?