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Monday, 28 December 2009

अभिलाषा १०५

जीवन के पैरों पे गिर के,
अभिलाषा ने किया सवाल .
अपने पूरे होने की ,
उसकी थी चाहत  प्रिये .
 
उसकी बाते सुनकर के,
 जीवन बस इतना बोला -
जो पूरी ही हो जाए,
अभिलाषा वो कंहा प्रिये . 

                       ---------अभिलाषा १०५