आजकल इन पहाड़ों के रास्ते
शाम को कोहरे से भरे होते हैं
  
जैसे मेरा मन
तेरी यादों से भरा होता है
डॉ मनीष कुमार मिश्र
असोसिएट
शाम को कोहरे से भरे होते हैं
जैसे मेरा मन
तेरी यादों से भरा होता है
डॉ मनीष कुमार मिश्र
असोसिएट
                                                                                    भारतीय उच्च अध्ययन केंद्र , 
                                                                                    राष्ट्रपति निवास,  शिमला  
                                                                                    manishmuntazir@gmail.com        
 
