रंगों का सावन ,
प्यार क़ी फुहार है.
गले लग जाओ यारों,
होली का त्यौहार है .
टोली में निकलो ,
सब संग खेलो .
बुरा मत मानों यारों,
होली का त्यौहार है .
कजरी भी गाओ,
फगुआ भी गाओ.
झूमो,नाचो,गाओ यारों,
होली का त्यौहार है.
चोली भिगाओ,
चुनरी भिगाओ.
भर लो बाँहों में यार याँरो,
होली का त्यौहार है.
(इस कविता के साथ लगे फोटो पर मेरा कोई अधिकार नहीं है. यह मुझे मेल के रूप में मिला है.इसका लिंक egreetings.india.gov.in.page-archive.org/user. है. )
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Thursday, 25 February 2010
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