कल महीनो बाद , वही फोन आया जिसका इन्तजार था
कुछ गिले- शिकवों के बाद, मेरे लिए एक समाचार था .
वो अब, जब, हो गए हैं किसी और के तो,बताना नहीं भूले
कि मैं उनका एक दोस्त रहा, जो मोहब्बत में वफादार था.
डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...