चुप चाप कही जब सो जाती है -------------------------
चुप चाप कही जब सो जाती है , मीठे सपनो में खो जाती है । दर्द बहुत जब बढ़ जाता है , आंखे हैं की रो जाती हैं । कड़वी बाते सभी पुरानी, नये प्यार में धो जाती हैं । दो फूल खिले हो जिस आँगन , खुशियाँ वाही पे हो जाती हैं ।
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