इन पहाड़ों मेँ आकर, तुम्हें
बहुत याद कर रहा हूँ
ये फूल, ये झरने और ये
सारी वादियाँ
तुम्हारी याद दिला रही हैं ।
यहाँ हर
तरफ खूबसूरती है ,
पवित्रता, निर्मलता और शीतलता है ।
फिर
तुम्हें तो यहीं होना चाहिए था ,
सब कुछ
तुमसा है तो,
तुम्हें
यहीं होना चाहिए था ।
मेरे साथ – साथ यहाँ सभी को शिकायत है ,
तुम्हारे यहाँ न होने की शिकायत ।
अजीब सा सूनापन है ,
तुम्हारे बिना मेरे अंदर ही ,
एक अधूरापन है ।
सिवाय तुम्हारे ।