महीनों बाद
जब तुम्हारे ओठ
चूम रहे थे
मेरे ओठों को
कि तभी
तुम्हारे गालों से
लुढ़कते हुए
आँसू की एक गर्म बूँद
मेरे गालों पर
आकर ठहर गई
और
आज तक
वहीं ठहरी हुई है
मेरे लिए
दुनियां की सबसे पवित्र
वस्तु के रूप में
तुम्हारे प्रेम का
यह उपहार
मेरे साथ रहेगा
हमेशा ।
................ Dr ManishkumarC.Mishra
जब तुम्हारे ओठ
चूम रहे थे
मेरे ओठों को
कि तभी
तुम्हारे गालों से
लुढ़कते हुए
आँसू की एक गर्म बूँद
मेरे गालों पर
आकर ठहर गई
और
आज तक
वहीं ठहरी हुई है
मेरे लिए
दुनियां की सबसे पवित्र
वस्तु के रूप में
तुम्हारे प्रेम का
यह उपहार
मेरे साथ रहेगा
हमेशा ।
................ Dr ManishkumarC.Mishra