अकेलापन और हो तन्हाई
किसी कि याद भी आई
न ये मोहब्बत न अपनेपन कि निशानी है
ये बस खाली लम्हों की कहानी है
न काम से हो फुरसत खुशियाँ हो और हो रौनक
सोचो किसी को तुम याद आये कोई हरपल
ये है अपनापन है इस रिश्ते में तेरा मन
इसमे मोहब्बत है और इस रिश्ते को है नमन /
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Friday 16 July 2010
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