डॉ. सत्यनारायण मिश्र- पूर्वांचल हिंदी जगत का सबसे सम्मानित और प्रतिष्ठित नाम रहा है. जौनपुर जिले के सिंगरामऊ स्थित राजा हरपाल सिंह डिग्री कॉलेज में आप हिंदी विभागाप्रमुख के रूप में आप २८ वर्षों तक कार्य रत रहे. वंहा से सेवा सम्पूर्ति के बाद आप बदलापुर के सल्तनत बहादुर डिग्री कालेज में विस्टिंग प्रोफेसर के तौर पर कार्य करते रहे. शोध निर्देशक के तौर पे आप के मार्ग दर्शन में ६० से अधिक विद्यार्थियों ने पी.एच .डी की उपाधि प्राप्त की .
आप का ०२ मार्च २०११ की रात कानपुर जाते हुवे बीच रास्ते में ही सुल्तानपुर के पास देहांत हो गया. यह खबर पूरे पूर्वांचल के हिंदी जगत के लिए निराशापूर्ण और दुखद थी. ७८ वर्ष की आयु में भी आप एकदम स्वस्थ थे. अध्ययन-अध्यापन के कार्य से पूरी तरह जुड़े हुवे थे. आप के मार्ग दर्शन में अभी भी ०५ विद्यार्थी अपना शोध कार्य कर रहे थे. इस तरह अचानक आप की मृत्यु की खबर से सभी स्तब्ध रह गए.
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ईश्वर चरणों में यही प्रार्थना है क़ि आप की आत्मा को ईश्वर शांति दे और आप के परिवार को संबल . १४ मार्च को आप के पैत्रिक निवास पर तेरही का कार्यक्रम संपन्न होगा. मुझे इस बात का हमेशा दुःख रहेगा क़ि आप के अंतिम दर्शन और तमाम विधियों में मैं सम्मिलित नहीं हो सका . परिवार के सदस्य के रूप में यही पीड़ा ऑस्ट्रेलिया में भाई प्रान्सू को भी हो रही होगी. हम दोनों को छोड़ कर सारा परिवार इस समय एक साथ होगा.लेकिन मुझे पूरा विश्वास है क़ि आप के सिखाये हुवे रास्ते पर आगे बढ़ते हुवे हम हमेशा आप का नाम अमर रखेंगे.
-- दैनिक जागरण ने यह खबर छापी
Mar 03, 09:08 pm
बदलापुर (जौनपुर) : स्थानीय क्षेत्र के सुलेमपुर गांव निवासी 70 वर्षीय हिन्दी के प्रकाण्ड विद्वान डा.सत्य नारायण मिश्र का बुधवार शाम को निधन हो गया। उनके मौत से जहां हिन्दी जगत को अपूरणीय क्षति हुयी। वहीं पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया। विदित हो कि श्री मिश्र राजा हरपाल सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिंगरामऊ में हिन्दी के प्राध्यापक रहे। उनके मौत की खबर लगते ही गुरुवार को क्षेत्र की तमाम शिक्षण संस्थाएं बन्द कर दी गयी