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Sunday, 26 April 2009

बार -बार उन्ही से मिला रहा है ---------------------------

वह बहुत याद आ रहा है ।
अपने पास बुला रहा है ।

हर पल खयालो मे आकर ,
गम जुदाई का बढ़ा रहा है ।

उसके हाथ मे है मेरी डोर ,
जैसे चाहे वैसे नचा रहा है ।


मैने तो मना किया था लेकिन,
शाकी जाम पे जाम पिला रहा है ।


मिलने पर अब पहचानता नही,
वह इस तरह मुझे जला रहा है ।


कुछ रब ने ठान रक्खी है शायद ,
बार-बार उन्ही से मिला रहा है ।

Tuesday, 21 April 2009

प्रेम की परिभाषा ------------------------------

प्रेम की परिभाषा तुझी से साकार है
नारी तू ही जीवन का अलंकार है ।

तुझे नर्क का द्वार समझते हैं जो,
उनकी दकियानूसी सोच पर धिक्कार है ।

दुनिया की आधी आबादी हो तुम,
बेशक तुम्हे बराबरी का अधिकार है ।

कंधे से कन्धा मिलाकर आगे बढो,
तुम्हारी उड़ान ही तुम्हारी ललकार है ।

कोई बहुत याद आ रहा है ----------------------------

कोई बहुत याद आ रहा है

मुझे अपने पास बुला रहा है ।



हर पल खयालो में आकर,

GAM JUDAAI KA BADHA REHA HAI ।



USKAY HAANTH MEI HAI MERI DOR,

CHAAH REHA JAISAY VAISAY NACHA REHA HAI .



MAINAY TO MANAA KIYA LEKIN,

SHAAKI JAAM PAY JAAM PILA REHA HAI ।



MILNAY PAR AB PAHCHAANTA NAHI,

VAH IS TARAH MUJHAY JALAA REHA HAI ।



KUCHH RAB NAY THAAN RAKHI HAI SAAYAD,

BAAR-BAAR UNHI SAY MILA REHA HAI ।

Sunday, 19 April 2009

उनका कसूर था,वो लडकियां थीं --------------------------

हमारे बीच सिर्फ़ खामोशियाँ थीं
दिल के समंदर में बंद सीपियाँ थीं ।

हम दोनों साथ चलते भी तो कैसे,
बड़ी संकरी समाज की गंलियाँ थीं ।

सोचकर अपने कल के बारे में ,
बाग़ की डरी हुई सभी कलियाँ थीं ।

उनके बिना अजीब सा सूनापन है ,
बेटियाँ तो आँगन की तितलियाँ थीं ।

जो कोख में ही मार दी जाती हैं ,
उनका कसूर था,वो लडकियां थीं ।

जिस घाटी में आज सिर्फ़ बारूद है,
VANHI PAY KABHI KAISAR KI KYAARIYAAN THEEN ।

अभी तो बाकी पूरी ग़ज़ल है -----------------------------

तुमसे मिलना तो एक पहल है
अभी तो बाकी पूरी ग़ज़ल है ।

मेरे इस मन को इंतजार है तेरा,
तू खिलता हुवा एक कवल है ।

अब जो भी सोचता हूँ,चाहता हूँ
हर बात में तेरा ही दखल है ।

झोपडी कब की नीलाम हो चुकी
अब बननेवाला यंहा महल है ।

तुझसे जीतना ही कब था मुझे,
तेरी जीत से ही मेरी हार सफल है ।

चोरी-छिपे मिलोगी कितना-------------------------

प्यार में मुझको छलोगी कितना
झूठ पे झूठ तुम कहोगी कितना ।

मेरी राह में कांटे हैं,मखमल नही
मेरे साथ जिंदगी में चलोगी कितना ।

हाँथ थाम लो जिंदगी भर के लिये
यूँ चोरी-छिपे तुम मिलोगी कितना ।

एक ना एक दिन बोलना ही पडेगा,
आख़िर साँचो में इसतरह ढलोगी कितना ।

चांदनी रात मे अकेले ---------------------------------

चादनी रात मे अकेले टहलना मत
मुझे याद कर के तुम तड़पना मत ।

लग जायेगी यकीनन तुम्हे नजर ,
बेनकाब घर से कंही निकलना मत ।

अब जब कि मिल गये हो मुझसे,
एक पल के लिये भी बिछड़ना मत ।

अपने दिल कि हर बात कह देना,
बिना कहे अंदर ही अंदर सुलगना मत ।

जिंदगी को ऊपर ही ऊपर जी लो,
अधिक गहराई मे इसकी उतरना मत ।

मुझे भुला देगा --------------------------

मुझे मुझसे ही चुरा लेगा
इसतरह वह मुझे सजा देगा ।

वह चला तो है हमसफ़र बन,
मगर मालूम है दगा देगा ।

बेदाग़ है अभी दामन मेरा,
इश्क कोई दाग लगा देगा ।

जैसे ही मिल जायेगा दूसरा,
वह यकीनन मुझे भुला देगा ।

दिल का इलाज सिर्फ़ दिलबर है,
वही तो मोहबत्त की दवा देगा ।