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Sunday, 9 August 2009

अभिलाषा -५


मेरी जीवन वीणा मे ,

सारे स्वर तुझसे ही हैं ।

छेड़ूँ जिस भी तार को मैं ,

सब मे तेरा संगीत प्रिये ।

तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥

ChatGPT said: "तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥" —  ईशावास्योपनिषद् , मन्त्र 1 का अंतिम खण्ड मूल श्लोक: Copy code ईश...