प्रेम की परिभाषा तुझी से साकार है
नारी तू ही जीवन का अलंकार है ।
तुझे नर्क का द्वार समझते हैं जो,
उनकी दकियानूसी सोच पर धिक्कार है ।
दुनिया की आधी आबादी हो तुम,
बेशक तुम्हे बराबरी का अधिकार है ।
कंधे से कन्धा मिलाकर आगे बढो,
तुम्हारी उड़ान ही तुम्हारी ललकार है ।
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