एक और २६ जनवरी ************************
मित्रो ,
आज का दिन (२६ जनवरी ) हम सभी के लिए गर्व और आदर का दिन है . इस महान लोकतान्त्रिक देश का यह गणतन्त्र दिवस हमारी उम्मीदों ,संकल्पों और आशाओं का जीवंत दस्तावेज है . यह मात्र एक ऐतिहासिक दिन नहीं ,बल्कि मानवता के इतिहास के नीव का दिन है . इतिहास साक्षी है कि हमने कभी भी मानवता को शर्म सार करने वाला कोई भी कार्य नहीं किया . जब कमजोर थे तब भी,और अब जब विश्व कि महाशक्ति बनने जा रहे हैं तब भी .
जिस सपने को अपने आँखों में लेकर भारत आगे बढ़ा है ,वे हैं -शांति,अहिंसा ,प्रेम ,करुना ,प्रगति ,रक्षा और वसुधैव कुटुम्बकम का महान सपना . हमे भी इन्ही सपनो को सच करने के लिए आगे काम करना होगा . भारत के नव निर्माण की बुनियाद में इन्ही मजबूत इरादों के साथ उतरना होगा . न केवल एक खुशहाल भारत बल्कि हमे एक खुशहाल विश्व के लिए काम करना होगा . आज वो समय आ गया है जब सारा विश्व अपने सपनो के लिए विश्वाश भरी दृष्टि से इस देश की तरफ देख रहा है . हम सब की तरफ देख रहा है . विज्ञान ,कला और संस्कृति को आत्मसाथ करते हुए ,हमे पूरे विश्व की तस्वीर बदलने के लिए काम करना होगा. यह देश,यह दुनिया यह पूरी धरा हमारी कर्मभूमि होगी . जात-पात -ऊँच-नीच के भेद को भुला कर ,देश-प्रांत-भाषा और सम्प्रदाय को भुलाकर हमे मानव कल्याण के लिए आगे आना होगा .
आज ग्लोबल वार्मिंग, आतंकवाद,और ऐसी ही कई समस्याएँ हमारे सामने हैं. लेकिन इन सब पे हमे विजय पानी होगी . हमे मानवता के सुंदर सपने को साकार करना होगा . हमे विश्व का नेतृत्व करना होगा . शिक्षा ही वह कारगर हथियार है जिसके दम पे हम यह लड़ाई न केवल लड़ सकेगे,बल्कि जीत भी सकेंगे . शिक्षा क्षेत्र में क्रांति की आवश्यकता है , माफ़ करिए लेकिन यह क्रान्ति ६ पे कमीशन लगने मात्र से नहीं आयेगी . इसके लिए हमे अपने अंदर एक आत्म अनुशाशन लाना होगा . अपने काम के प्रति अधिक इमानदार ,परिश्रमी ,शोधपरक और पारदर्शी होना होगा .
ओछी राजनीति के चंगुल से निकल के सृजनात्मक कार्यो से अपनेआप को जोड़ना होगा . आदर्शो और मूल्यों को अपनाना होगा . भूमंडलीकरण और भुमंडीकरन के इस दौर में मानवीय संवेदनाओं और रिश्तो के महत्व को बनाए रखना होगा . याद रहे -हमे वक्त के सांचे में नहीं बदलना है,बल्कि वक्त को अपने साँचे में ढालना है . हमारी लड़ाई अज्ञानता,अन्धविश्वाश,अमानवीयता और असंवेदनशीलता से है ,ना की किसी देश ,धर्म या समाज से . तो आइये एक बेहतर कल के लिए हम सब अपने आज को अपने कर्म से सींचने का संकल्प ले .
जय हिंद ************
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Tuesday, 19 January 2010
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