Showing posts with label फितरत /. Show all posts
Showing posts with label फितरत /. Show all posts

Thursday 1 July 2010

फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,

------------------------------------------
------------------------------------------
न फितरत बदली न चाहत बदली ,
बदलते वक़्त ने करवट न बदली ;

.

न व्यवहार बदला न संस्कार बदला ,
बदला वक़्त ने सिर्फ अभाव बदला ;

------------------------------------------
------------------------------------------
.
फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,
मोहब्बत ने न जाने कैसा बना डाला ;
.
सहज मासूम से ख्वाब थे मेरे ,
उन्हें आखों से बहता काजल बना डाला ;
चल रही थी जिंदगी जों सहज अंदाज से ,
तेरी इनायतों ने उसे हलाहल बना डाला ;
.
फितरत नहीं थी वैसा बना डाला ,
मोहब्बत ने न जाने कैसा बना डाला /

-----------------------------------------
-----------------------------------------


उज़्बेकी कोक समसा / समोसा

 यह है कोक समसा/ समोसा। इसमें हरी सब्जी भरी होती है और इसे तंदूर में सेकते हैं। मसाला और मिर्च बिलकुल नहीं होता, इसलिए मैंने शेंगदाने और मिर...