प्यार में मुझको छलोगी कितना
झूठ पे झूठ तुम कहोगी कितना ।
मेरी राह में कांटे हैं,मखमल नही
मेरे साथ जिंदगी में चलोगी कितना ।
हाँथ थाम लो जिंदगी भर के लिये
यूँ चोरी-छिपे तुम मिलोगी कितना ।
एक ना एक दिन बोलना ही पडेगा,
आख़िर साँचो में इसतरह ढलोगी कितना ।
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..