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Thursday, 29 April 2010

मोहब्बत की जुदाई में भी एक सुकूँ है दिले दिलदार से पूंछो ,

मोहब्बत की जुदाई में भी एक सुकूँ है दिले दिलदार से पूंछो ,

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मोहब्बत की तड़पन में छुपा इक जुनूं है किसी आफताब से पूँछों ;

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चाहते तमन्ना में उम्र गुजर जाये भी तो कम है ,

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इन्तजारे इश्क भी एक खुदाई है अपने प्यार से पूँछों /

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बबूल के पेड़ से छावं का कयास है ;

बबूल के पेड़ से छावं का कयास है ;
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मोहब्बत की यादों से निज़ात की आस है ;
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उनसे मिलने को बेकरार दिल तो है ,
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कौनसा रंग पहनायुं जनाजे इश्क को रंग की तलाश है /
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Monday, 19 April 2010

उसमे नहाया मै इकलौता गुनाहगार नहीं /

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मेरे इश्क से तुझे इत्तफाक नहीं ,
मेरे जलते ह्रदय का तू आफ़ताब नहीं ;
बह रही है प्यार की गंगा जों तेरे नश नश में ;
उसमे नहाया मै इकलौता गुनाहगार नहीं /
  
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