लगी लब से और होश उड़ा दिया
यूं पिलाया कि काफ़िर बना दिया।
हमको मयखानों का मेहमान बना
बड़ी मेहरबानी जीना सिखा दिया।
किसी के साथ थी रात देर से आई
यह कहकर उसने दिल जला दिया।
जब वो साथ थे हिसाब क्या देखते
उनका मन था बेहिसाब पिला दिया।
कल ख़्वाब में आई थी मेरे पास वह
ख़ूब बातें करके पहलू में सुला दिया।
Dr Manish Kumar Mishra
Assistant professor
Department of Hindi
K.M.Agrawal College
Kalyan west