- अगले वित्त वर्ष के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्त पोषण बढ़ाकर 60 हजार करोड़ रुपये करने के लिए सरकार कर मुक्त बांड दोगुने करेगी।
- दो नए मेगा हथकरघा क्लस्टर आंध्र प्रदेश और झारखंड में।
- पूर्वी भारत में हरित क्रान्ति के कारण खरीफ सत्र में 70 लाख टन से अधिक धान की उपज।
- कृषि और सहकारिता क्षेत्र के बजट में 18 फीसदी बढ़ोतरी।
- विदेशी एयरलाइनों को भारत में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कार्य करने की अनुमति देने के बारे में सक्रियता से हो रहा है विचार। अगले पांच साल में भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
- खेती के लिए कर्ज 5.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य, जो पिछली बार से एक लाख करोड़ रुपये अधिक।
- किसानों को सात फीसदी ब्याज पर रियायती फसली ऋण योजना 2012-13 में भी जारी रहेगी।
- राज्यों के साथ मिलकर खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को देने के लिए नाबार्ड को सरकार मुहैया कराएगी 10 हजार करोड़ रुपये।
- दिसंबर 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क होगा कंप्यूटरीकृत। मिड डे मील योजना के लिए 11,937 करोड़ रुपये। सबला योजना के लिए 7050 करोड़ रुपये खाद्य सुरक्षा विधेयक के उददेश्य हासिल करने के लिए।
- दिसंबर तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली आधार कार्ड के जरिए।
- समेकित बाल विकास योजना के लिए 2012-13 में आवंटन बढ़ाकर 15,850 करोड़ रुपये।
- ग्रामीण पेयजल और स्वच्छता योजना के लिए आवंटन बढाकर 14000 करोड़ रुपये। 2011-12 में यह 11000 करोड़ रुपये था।
- स्वयं सहायता महिला समूह के तीन लाख रूपए तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर। समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा।
- राष्ट्रीय पिछड़ा क्षेत्र अनुदान योजना का परिव्यय 22 प्रतिशत बढ़ाकर 12040 करोड़ रुपये किया गया।
- ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास के लिए खर्च होंगे 20 हजार करोड़ रुपये। इसमें से पांच हजार करोड़ रुपये भंडारण सुविधाओं के लिए होंगे।
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए आवंटन 18115 करोड रूपए से बढाकर 20822 करोड रूपए किया गया।
- संसद के बजट सत्र में ही काले धन पर श्वेत पत्र लाएगी सरकार।
- 2012-13 में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम को 1000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 3,915 करोड़ रुपये। 2012-13 में रक्षा सेवाओं के लिए 1,93,407 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- 11वीं योजना के दौरान सकल योजनागत परिव्यय के 99 फीसदी का उपयोग।
- अप्रैल 2012 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष में 40 करोड लोगों को 'आधारÓ में शामिल किया जाएगा।
- चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 फीसदी रहा।
- 2012-13 में राजस्व घाटा 1,85,752 करोड रुपये।
- व्यक्तिगत आयकर रियायत सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये।
- 2011-12 में शुद्ध कर प्राप्तियां 7,71,071 करोड़ रुपये।
- गैर योजनागत व्यय 2012-13 में 9,69,900 करोड़ रुपये रहने का अनुमान।
- प्रत्यक्ष कर वसूली चालू वित्त वर्ष में 32000 करोड़ रुपये कम रही।
- अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 प्रतिशत तक लाने के लिए प्रतिबद्ध।
- कंपनी कर में कोई बदलाव नहीं।
- केंद्र का कुल कर्ज जीडीपी का 45 प्रतिशत।
- प्रतिभूति क्रय विक्रय कर (एसटीटी)की दर घटाई गई।
- विदेश में रखी संपत्ति और दो लाख रुपये से अधिक के सोने चांदी की खरीद की जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य।
- प्रत्यक्ष कर में रियायतों से 4500 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान।
- कुछ गिनी चुनी सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार की सेवाओं को सेवा कर के दायरे में लाने का प्रस्ताव।
- सेवा कर की दर दस से बढाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- उत्पाद एवं सेवा कर के लिए साझा कर संहिता बनाने का विचार।
- सेवा कर प्रस्तावों से 18660 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व वसूली का अनुमान।
- रेल परियोजनाओं में काम आने वाली मशीनों के आयात पर शुल्क दस से घटाकर 7.5 प्रतिशत।
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Friday, 16 March 2012
बजट की सूर्खियां
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