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Wednesday, 7 July 2010

रूह जलती रही मेरी सर शैया पे


न गम की बरसात होती है ,न ख़ुशी भी साथ होती है ,
जिंदगी बीत रही कुछ ऐसी ,दिन भी रात होती है /
.
न मुलाकात की मैंने ,न कोई शुरुवात की तुने ,
रूह जलती रही मेरी सर शैया पे ,मेरी राख को न आग दी तुने /

Wednesday, 30 June 2010

जिंदगी गुजरती रही , यादें संवरती रही ,

जिंदगी गुजरती रही , यादें संवरती रही ,
मोहब्बत को करीबी न हुई हासिल ,
तेरे नफ़रत में भी न हुआ शामिल ;
मेरी जिंदगानी तेरे बिन सिसकती रही /

किसी से बेवफाई का न गुनाहगार था,
किसी की रुलाई का ना जिम्मेदार था,
न बना सका तुझको मै अपना ;
बस इतना ही मेरा दुर्व्यवहार था /

Monday, 21 June 2010

बदली जिंदगानी सपने नहीं बदले ,

बदली जिंदगानी सपने नहीं बदले ,
जो नहीं थे अपने वो अपने नहीं बदले ,
प्रिये तुने चाहा बहुत लेकिन ,
मैंने इश्क की रवायत नहीं बदले /

Saturday, 12 June 2010

सब शायद इसे मेरी उलझन समझें ,

उद्विग्नता की शाम छाई है ,
खिन्नता साथ लायी है ;
उनसे मेरी दुरी क्या कम थी,
जों नाराजगी का पैगाम फिजा साथ लायी है ;
.
चल रही है जिंदगी यूँ तो अपनी चाल से ,
फिर किसे ढूंढ़ रही हैं आखें किस नाम से ;
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ना रिश्ता रहा न नजदीकी रही ,
ना भुला उसे न आखें भीगी रखीं ;
हर बार हारा उससे हर बार वो है हारी ,
हर बार जीती वो ही हर बार जीता मै ही ;
.
सब शायद इसे मेरी उलझन समझें ,
नहीं चाहता मै इसे वो मेरी भटकन समझें /

Thursday, 22 April 2010

कैसे वो कह दे /

कैसे वो कह दे ,
कौनसा वक़्त बड़ा था ;
.
कैसे वो स्वीकारे ,
कौनसा रिश्ता दिल में गड़ा था ;
.
याद है उसे ,
बचपन के हंसी पल ,
पिता की गोद माँ का निश्चल मन ;
.
याद है उसे ,
पहले प्यार का पहला आलिंगन ,
वो सिने की धड़कन पहला चुम्बन ;
.
याद है उसे ;
पति की पहली बातें ,
कितने ही हंसती खिलखिलाती रातें ;
.
याद है उसे ;
बच्चे का पेट में अवतरण ,
उन नन्ही उँगलियों की पकड़न ;
.
याद है उसे /
. .

मौत की चारपाई पे लेटी ,
वो निर्णय लेने में असमर्थ है ,


कौनसा पल सबसे सुंदर ,
कौन है उसके दिल की गहराईयों में सबसे अंदर ;
कैसे वो कह दे /

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