न गम की बरसात होती है ,न ख़ुशी भी साथ होती है ,
जिंदगी बीत रही कुछ ऐसी ,दिन भी रात होती है /
.
न मुलाकात की मैंने ,न कोई शुरुवात की तुने ,
रूह जलती रही मेरी सर शैया पे ,मेरी राख को न आग दी तुने /
https://tashkantsamvad.blogspot.com/?m=1 साथियों , आप के साथ यह खबर साझा करते हुए खुशी हो रही है कि उज़्बेकिस्तान, ताशकंद से हिन्दी की पहली ...