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Thursday, 6 September 2012

हम तो दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है


सोमवार, 3 सितम्बर 2012 http://www.parikalpnaa.com/   se saabhar 


हम तो दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है...

विगत 27 अगस्त को परिकल्पना ने अपना दूसरा ब्लॉग उत्सव अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन के रूप में मनाया । विगत वर्ष यह कार्यक्रम नयी दिल्ली में 30 अप्रैल को हुआ था । जब-जब ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम होते हैं पक्ष और विपक्ष में स्वर तो उठते हीं हैं, उठने भी चाहिए किन्तु मर्यादा में उठे तो उसका सौन्दर्य बचा रहता है । 

 कार्यक्रम के बाद ब्लॉग पर कई लोगों की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली, कई लोगों ने मुद्दे अच्छे उठाए जैसे रवि रतलामी जी ने कहा "जिनके चेहरों से परिचित हैं उनके ब्लॉग से परिचित नहीं .. काश एक परिचय सत्र होता !" मैं भी मानता हूँ कि भोजनोपरांत यदि 'परिचय सत्र' होता तो सबको सबसे परिचय मिल जाता। 'परिचय सत्र ' की मांग उचित ही है। आगे के कार्यक्रमों में इस बात का ध्यान रखा जाएगा रवि जी। 

 दिनेश राय द्विवेदी जी ने कहा " इतने सम्मानों वाला सम्मेलन तीन दिन का होना चाहिए। सुबह शाम का वक्त कहीं घूमने घुमाने का भी होना चाहिए। कुछ अनौपचारिक सत्र भी होने चाहिए, सभागार के बाहर लॉन में चाय-पान-भोजन की व्यवस्था हो और उस के लिए एक-दो घंटे इंतजार करना पड़े। तब गप्प लड़ाई जाए। " यह सुझाव भी सारगर्भित है, आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यदि संसाधन की न्यूनता नहीं रही, तो आपके सुझाव पर गौर किया जा सकता है । 

 हिन्दी ब्लॉगिंग से आठ साल से भी अधिक समय से जुड़े होने वाले एक फुरसतिया  ब्लॉगर ने भी यह मानाकि "खूब शानदार कार्यक्रम हुआ। आयोजकों ने खूब मेहनत की। तमाम घोषणायें हुईं। लोग एक दूसरे से मिले मिलाये। खूब सारी यादें समेटे हुये लोग अपने-अपने स्थान को गम्यमान हुये। हिन्दी ब्लॉगिंग के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना जुड़ गया। " शुक्रिया । लेकिन उन्होने प्रेमचंद के उस वयान को भी अंकित किया कि “क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे” ? क्यों नहीं कहोगे भाई, कहो जी खोलकर कहो । हमारी एक फितरत से तो आप वाकिफ हो ही कि सम्मान करना मेरे फितरत में शामिल है । दूसरी भी फितरत जान लो कि हम सुनना भी जानते हैं, करना भी जानते हैं और अंतत: विजयी होना भी....।

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 Here’s a basic sample research synopsis format you can adapt, typically used for academic purposes like thesis proposals or project submiss...