मजदूर मसीहा -प्रवीण बाजपयी ******
मुंबई में रहते हुए कई लोगों से मिलने का अवसर मुझे बराबर मिलता रहा ,लेकिन जिन्दगी में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आप से एक बार मिल के आप को लम्बे समय तक प्रभावित करते हैं. फिर वो आप से दूर भी हों तो भी आप हमेशा ऐसे लोगों को उनके विचारों के माध्यम से करीब पाते हैं .
श्री प्रवीण बाजपयी भी चंद उन्ही लोगों में से से हैं जिन्होंने ने मुझे बखूबी प्रभावित किया . अब तो साल में कभी कबार ही उनसे मिलना हो पाता है, लेकिन अपनी जरूरत पे मैं हरदम उन्हें अपने पास पाता हूँ .एक सच्चे फ्रेंड,फिलासफर और गाइड कि तरह .
जब प्रवीन भाई कल्याण में रहते थे तो उनका घर ही मेरा घर था , भाभी से माँ तुल्य प्रेम और स्नेह मिलता था . लेकिन कतिपय व्यक्तिगत कारणों से प्रवीण भाई को परेल रहने के लिए जाना पड़ा . मैं भी अपने शोध कार्य और फिर नौकरी में ऐसा उलझा कि अब फ़ोन पे ही दुआ-सलाम हो पाता है .
लेकिन इन दूरियों ने दिलों के रिश्ते को कमजोर नहीं होने दिया. अपनेपन कि ऊर्जा हमेशा बनी रही . जब भी कभी मैंने भईया को कल्याण बुलाया वे सारी व्यस्तताओं में से भी समय निकाल कर आये . स्वास्थ की तकलीफों के बीच आये . पारिवारिक और राजनैतिक समस्याओं को दर किनार कर आये . मुझे मेरे इस भाई पे गर्व है .
आप शायद यह सोच रहे होगें कि मैं ब्लॉग पे किसी अपने करीबी का गुणगान क्यों कर रहा हूँ ? मित्रो, जिन्दगी में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनका हम सम्मान तो करते हैं, लेकिन कभी औपचारिक रूप से कह नहीं पाते . लेकिन उम्र के लगभग ३० वसंत पूरा करते करते मुझे यह लगने लगा है कि ,किसी से प्यार हो, किसी के प्रति स्नेह हो,आदर हो तो हमे कहना जरूर चाहिए. क्या पता जिन्दगी कल ये मौका दे या ना दे .
वैसे मुंबई वालों के लिए प्रवीण बाजपयी कोई नया नाम नहीं है . आप सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के मुंबई डिविजन के अध्यक्ष हैं. रेल केसरी पत्रिका के कार्यकारी संपादक हैं ,और एक अच्छे कवि भी हैं . अगर आप नेट पे ही प्रवीण जी से मिलना चाहें , तो निम्नलिखित लिंक का उपयोग कर सकते हैं
praveenbajpai.crms@gmail.कॉम
ttp://www.facebook.com/reqs.php#/photo.php?pid=385531&op=1&o=global&view=global&subj=1635027107&id=1635027107
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Friday, 29 January 2010
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