Tuesday, 14 April 2009

सुहानी शाम दिलकश रात हो -----------------------


सुहानी शाम दिलकश रात हो

ऐसे में मिलो तो क्या बात हो ।


जो गजलो में अच्छा लगता है
तुम बिल्कुल वही जज्बात हो ।


तुम्हारी अदावो का कहना क्या
मैं डाल-डाल तुम पात-पात हो ।


कह दूंगा दिल की हर एक बात मैं
अब जब भी तुमसे मुलाक़ात हो ।

3 comments:

  1. dil ko chuu dene wali gazal hai... sukun mila padhkar

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  2. very romantic poetry dear with appropriate photograph.

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