सुहानी शाम दिलकश रात हो
ऐसे में मिलो तो क्या बात हो ।
जो गजलो में अच्छा लगता है
तुम बिल्कुल वही जज्बात हो ।
तुम्हारी अदावो का कहना क्या
मैं डाल-डाल तुम पात-पात हो ।
कह दूंगा दिल की हर एक बात मैं
अब जब भी तुमसे मुलाक़ात हो ।
dil ko chuu dene wali gazal hai... sukun mila padhkar
ReplyDeletegreat gazal. its realy superb
ReplyDeletevery romantic poetry dear with appropriate photograph.
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