टूटता दिल आवाज क्या करता ,
बहते आंसुओं को हिसाब क्या कहता ;
मचला तो था मेरा भी जिगर कभी ,
उसकी बेवफाई का जवाब क्या कहता /
टूटता दिल आवाज क्या करता ,
बहते आंसुओं को हिसाब क्या कहता ;
मचला तो था मेरा भी जिगर कभी ,
उसकी बेवफाई का जवाब क्या कहता /
कभी इठला के दिल चुराया ,
कभी शरमा के बदन ;
इन्तहा तब हो गयी ,
ढरकता पल्लू औ कहा हमदम /
अमरकांत : जन्म शताब्दी वर्ष डॉ. मनीष कुमार मिश्रा प्रभारी – हिन्दी विभाग के एम अग्रवाल कॉलेज , कल्याण पश्चिम महार...