टूटता दिल आवाज क्या करता ,
बहते आंसुओं को हिसाब क्या कहता ;
मचला तो था मेरा भी जिगर कभी ,
उसकी बेवफाई का जवाब क्या कहता /
टूटता दिल आवाज क्या करता ,
बहते आंसुओं को हिसाब क्या कहता ;
मचला तो था मेरा भी जिगर कभी ,
उसकी बेवफाई का जवाब क्या कहता /
कभी इठला के दिल चुराया ,
कभी शरमा के बदन ;
इन्तहा तब हो गयी ,
ढरकता पल्लू औ कहा हमदम /
डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...